यदि हां तो आगे की जानकारी आपके लिए है
क्लब फुट (club foot) बचो मे पाये जाने वाला रोग जिसमे जन्म से ही बच्चे के पैरो में टेढापन रहता है..
एक सर्वे के अनुसार 1000 में से एक बच्चा इस रोग से ग्रस्त होता है…उस रोग के जानकारी के आभाव में कुछ बच्चे विकलांगता की और बढ़ रहे है…अपितु इस रोग का सही समय पर इलाज (शिशु अस्थि तोग विशेषज्ञ से सलाह) संभव है…
क्लब फुट से प्रभावित लगभग 50% बच्चो में ऐसा टेढापन दोनों पैरों में होता है।
कारण:-
इस रोग का संभावित कारण गर्भवस्था में बच्चे के विकाश में अवरोध होता है इस वजह से शिशु के पैरो में विकृति आ जाती है।
लक्षण
1.इस बीमारी से ग्रसित शिशु का पैर अंदर की तरफ मुड़ होता है।
2.बच्चा पंजों के बाहरी हिस्सो में खड़ा होता हो।
3.पंजा उठा कर चलना
4.ऐसे बच्चो के बैठने पर उनकी एड़ी ज़मीन से उठी होती है।
दुष्प्रभाव-
बच्चो एवं माता पिता दोनों को कई परेशानी का सामना करना पढता है
बच्चो में देरी से चलना,पैर टेढ़ा रखना ,पैरो का विकाश सामान्य से कम,मासपेशियो में जकड़न,सामान्य जूते चप्पल का उपयोग न कर पाना,खेल कूद में रूचि ना होना तथा कभी कभी स्थायी विकलांगता.
उपाय एवं उपचार:-
इन सब लक्षणों के मिलते ही अपने शिशु अस्थि रोग विशेषज्ञ से सलाह ले…
2-3 प्लास्टर लगाने अथवा एक छोटी सी शल्य क्रिया से आपका बच्चा पूर्णतः सामान्य चल सकता है…
“आपका तत्परता आपके बच्चे को विकलता से बचा सकती है”